1987 के बाद से एमसीबीए में अतियथार्थवाद को समर्पित पहली विषयगत प्रदर्शनी, यह ट्रांसऐतिहासिक परियोजना कला के इतिहास में इस प्रमुख आंदोलन की अभूतपूर्व प्रासंगिकता पर सवाल उठाती है, जो 100 साल की छोटी उम्र में भी थोड़ा पुराना नहीं लगता है।
1987 के बाद से एमसीबीए में अतियथार्थवाद को समर्पित पहली विषयगत प्रदर्शनी, यह ट्रांसऐतिहासिक परियोजना कला के इतिहास में इस प्रमुख आंदोलन की अभूतपूर्व प्रासंगिकता पर सवाल उठाती है, जो 100 साल की छोटी उम्र में भी थोड़ा पुराना नहीं लगता है।